सभी पाठकों को रक्षाबंधन की बहुत बहुत बधाई, मेरी रचना सभी भाइयों की तरफ से बहिन को उपहार।
*सिर्फ धागा मत समझना हाथ की कलाई का*
राखी आस्था है,राखी विश्वास है।
हर भाई की खुशी हर बहिन की आस है।
सिर्फ धागा मत समझना हाथ की कलाई का,
ये धागा नही रक्षा का हार है।
हर भाई की खुशी हर बहिन की आस है।
सिर्फ धागा मत समझना हाथ की कलाई का,
ये धागा नही रक्षा का हार है।
राखी पूजा है ,राखी प्रेम है।
भाई बहिन का मेल है। सिर्फ धागा मत समझना कलाई का,
इस कच्चे धागे का बड़ा खेल है।
भाई बहिन का मेल है। सिर्फ धागा मत समझना कलाई का,
इस कच्चे धागे का बड़ा खेल है।
राखी पर्व है,राखी गर्व है,हर सपने की पहचान है।
सिर्फ धागा मत समझना कलाई का,
राखी छोटे परिंदे का बड़ा आसमान है।
सिर्फ धागा मत समझना कलाई का,
राखी छोटे परिंदे का बड़ा आसमान है।
राखी रिश्ता है,राखी बंधन है। भाई का बहिन से मंथन है।
सिर्फ धागा मत समझना कलाई का,
राखी परिवार का बचपन है।
सिर्फ धागा मत समझना कलाई का,
राखी परिवार का बचपन है।
हर बहिन को खुशी मिले, हर को भाई प्यार मिले।
भाई बहिन के रिश्ते को एक नया आयाम मिले।
हर कलाई रक्षा करे,कच्चे धागे के नाम पर।
हर बहिन महफूज रहे,सच्चे भाई का साथ मिले।
भाई बहिन के रिश्ते को एक नया आयाम मिले।
हर कलाई रक्षा करे,कच्चे धागे के नाम पर।
हर बहिन महफूज रहे,सच्चे भाई का साथ मिले।
हर भाई का हाथ सजेगा, हर एक बहिन खुशहाल रहे।
जब धागे को बांध लिया है, मेरी बहिन आबाद रहे।
*स्वरूप जैन'जुगनू'*
जब धागे को बांध लिया है, मेरी बहिन आबाद रहे।
*स्वरूप जैन'जुगनू'*
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